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Tuesday 26 January 2021

Indira Gandhi Agriculture University Chhattisgarh


नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वीं जयंती के शुभ अवसर पर इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर एवं एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन एवं उत्पादन केंद्र का शुभारम्भ किया मुख्यमंत्री ने इन्क्यूबेशन सेण्टर का नामकरण महान स्वंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस ऑनलाइन कार्यक्रम में श्री बघेल ने 30 करोड़ रूपए की लागत से इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर एवं एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन एवं उत्पादन केंद्र का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य योजना आयोग की कक्षों का नामकरण किया।  मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अवसर पर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में  बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर एवं एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन एवं उत्पादन केंद्र प्रारम्भ करने का आह्वान करते हुए  कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ में उत्पादक युवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। सभी शैक्षणिक संस्थाएं युवाओं की उद्मशीलता के विकाश पर काम करें।  इन्क्यूबेशन सेंटर में युवाओं को अनुशंधान एवं शोध हेतु प्रयोग शाला की सुविधाएं, तकनिकी मार्गदर्शन, नेटवर्किंग के लिए मार्गदर्शन एवं वित्तीय ऋण सहायता उपलब्ध कराई  जाएगी।

उल्लेखनीय है की इंदिरा गाँधी विश्वविद्यालय, रायपुर तथा कृषि विकाश  एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त उपक्रम से स्थापित बायोटेक्नोलॉजी पार्क के प्रथम चरण में इंदिरा गाँधी कृषि विश्ववद्यालय प्रसार में 30 करोड़ रूपए की लागत से बायोटेक इन्क्यूबेसन सेण्टर स्थापित होगा। पंचवर्षीय योजना का क्रियान्वयन 2 चरणों में पूर्ण होगा। प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है।  सेंटर की स्थापना दो वर्ष अवधि में  पूर्ण कर ली जाएगी।

इस केंद्र भवन का निर्माण साढ़े तरह करोड़ की लागत से पूरा किया जायेगा। जहां लगभग 16  करोड़ रूपए की लागत से अत्याधुनिक परागशाला,उपकरण सहित अन्य जरुरी सुविधाएँ विकसित की जाएगी।  सभी अधोसरंचनाएँ बी एस 4 मापदंड की होगी। इस केंद्र में 23 कंपनियों को तीन वर्ष तक कार्यालय,प्रयोग शाळा की सुविधा, तकनिकी मार्गदर्शन और बिजनेस नेटवर्किंग की सुविधा व्यवसाय स्थापित करने के लिए दी जायेगी।

इस केंद्र में एग्री बायोटेक, हेल्थ केयर बायोटेक, फ़ूड प्रोसेसिंग में काम करने वाली कंपनियों को प्राथमिकता मिलेगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय  के एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन एवं उत्पादन केंद्र में 94 युवा उद्यमों द्वारा इस सेंटर में प्रारम्भ की गई 24 कंपनियों के कार्यालय का भी मुख्यमंत्री ने शुभारम्भ किया इन स्टार्टअप को उद्योग एवं व्यवसाय के लिए दो करोड़ 26  लाख रुपयों का अनुदान प्राप्त हुआ है। इन स्टार्टअप्स ने अब लगभग 10 करोड़ रुपयों का व्यवसाय कर लिया है।

योजना मंत्री श्री अमर जीत भगत ने कार्यक्रम को सम्बोधित को करते हुए कहा कि राज्य योजना आयोग ने पुनर्गठन के बाद पिछले दो वर्षों में नविन योजनाओं को तैयार करने और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका  है। थिंक टेक के रूप में राज्य योजना आयोग ने सुराजी गाँव योजना, महिला स्व सहायता समूहों के स्वावलंबन, गौठानों के विकाश , राजीव गाँधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और अतिशेष धन से एथेनॉल उत्पादन जैसी महत्वकांक्षी योजनाए तैयार की, जिनका सकारात्मक असर दिख रहा है। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह ने पिछले दो वर्षों में राज्य योजना आयोग द्वारा किये गए कार्यों पर प्रकाश डाला।

इंदिरा गाँधी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल ने बायोटेक इन्क्यूबेशन सेंटर एवं एग्री-बिजनेस इन्क्यूबेशन एवं उत्पादन केंद्र के उद्देश्यों, कार्यों एवं युवा उद्यमियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने  बताया कि इस परियोजना के द्वितीय चरण मे रायपुर जिले के आरंग तहसील के ग्राम मुनगी में 9 हेक्टेयर भूमि पर बिजनेस इंटरप्राइज़ जोन की स्थापना की जाएगी।  इसके लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम मुनगी में भूमि आबंटित कर दी गई है इस केंद्र में 23 कंपनियों को तीन वर्ष तक अनुसंधान, तकनिकी एवं अधोसरंचना सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

राष्ट्रिय कृषि विकाश योजना रफ़्तार एवं इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त उपक्रम से स्थापित एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा कृषि सम्बंधित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अभिनव एवं उद्भव कार्यक्रम प्रारम्भ किये गए है। अभिनव  तहत युवाओं से कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों में ऐसे नवाचारी विचार आमंत्रित किये जा रहे हैं, जिस पर आधारित स्टार्टअप उद्योग शुरू किया जा सकता है। चयनित नवाचारी विचारों के लिए 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।  इसी प्रकार उद्भव कार्यक्रम के तहत उद्यमियों से प्रस्ताव आमंत्रित कए गए हैं जिनका कम्पनी के रूप में पंजीयन हो चूका है जनके पास स्टार्टअप सम्बन्धी कोई प्रारंभिक उत्पाद उपलब्ध है जिनका वे व्यवसायीकरण करना चाहते है। चयनित प्रस्ताओं के व्यवसायीकरण हेतु 25 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

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